यूपी में जमीन की रजिस्ट्री करने में कितना खर्चा आता है? जानें

उत्तर प्रदेश में जमीन खरीदने के लिए खरीदार को जमीन की रजिस्ट्री करवानी होती है। ऐसे में एक साधारण सवाल हमारे मन में आता है, कि जमीन रजिस्ट्री करवाने में कितना खर्चा आता है? तो आपको बता दें की यह खर्च जमीन के प्रकार और जमीन के आकार पर निर्भर करता है।

अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, और आप जानना चाहते हैं, कि जमीन की रजिस्ट्री में कौन-कौन से खर्च शामिल होते हैं, तो आपको इस लेख के जरिए विस्तृत जानकारी मिलेगी.

उत्तर प्रदेश में जमीन रजिस्ट्री करने में कितना खर्चा आता है?

उत्तर प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे जमीन का प्रकार (आवासीय, व्यावसायिक, कृषि), स्थान, और सरकार द्वारा निर्धारित सर्किल रेट। नीचे रजिस्ट्री से जुड़े मुख्य खर्चों का विवरण दिया गया है:

स्टांप ड्यूटी

  • दर: संपत्ति के बाजार मूल्य या सर्किल रेट (जो भी अधिक हो) का 4% से 7%।
  • छूट: यदि संपत्ति महिला के नाम पर रजिस्ट्री होती है, तो स्टांप ड्यूटी में 1% तक की छूट मिल सकती है (4% से 6%)।
  • उदाहरण: ₹10 लाख की संपत्ति पर स्टांप ड्यूटी ₹40,000 से ₹70,000 तक हो सकती है।

रजिस्ट्रेशन शुल्क

  • दर: संपत्ति मूल्य का 1%, लेकिन अधिकतम सीमा ₹10,000 से ₹25,000 तक।
  • उदाहरण: ₹10 लाख की संपत्ति पर रजिस्ट्रेशन शुल्क लगभग ₹10,000 होगा।

अन्य शुल्क

  • नक्शा शुल्क: यदि नक्शा बनवाना हो, तो ₹500 से ₹2,000।
  • वकील/एजेंट शुल्क: दस्तावेज तैयार करने और प्रक्रिया के लिए ₹2,000 से ₹10,000।
  • प्रसंस्करण शुल्क: कुछ मामलों में अतिरिक्त सरकारी शुल्क, जैसे ₹1,000 से ₹5,000।

कुल खर्च का अनुमान

  • उदाहरण 1: ₹10 लाख की आवासीय संपत्ति (पुरुष के नाम पर):
    • स्टांप ड्यूटी (5%): ₹50,000
    • रजिस्ट्रेशन शुल्क: ₹10,000
    • नक्शा शुल्क: ₹1,000
    • वकील शुल्क: ₹5,000
    • अन्य शुल्क: ₹2,000
    • कुल: ₹68,000 (लगभग)
  • उदाहरण 2: ₹10 लाख की संपत्ति (महिला के नाम पर):
    • स्टांप ड्यूटी (4%): ₹40,000
    • रजिस्ट्रेशन शुल्क: ₹10,000
    • नक्शा शुल्क: ₹1,000
    • वकील शुल्क: ₹5,000
    • अन्य शुल्क: ₹2,000
    • कुल: ₹58,000 (लगभग)

ध्यान देने योग्य बातें

  • सर्किल रेट: हर क्षेत्र का सर्किल रेट अलग होता है। इसे उत्तर प्रदेश स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की वेबसाइट (https://igrsup.gov.in/igrsup/) पर चेक करें।
  • छूट: महिलाओं, दिव्यांगों, या विशेष योजनाओं में छूट मिल सकती है।
  • कानूनी सलाह: रजिस्ट्री से पहले वकील से सलाह लें ताकि कोई छिपा हुआ खर्च या कानूनी अड़चन न आए।
  • ऑनलाइन सुविधा: यूपी सरकार का IGRS पोर्टल दस्तावेज सत्यापन, सर्किल रेट, और ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की सुविधा देता है।
  • स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty): उत्तर प्रदेश में स्टांप ड्यूटी आमतौर पर संपत्ति के बाजार मूल्य का 5% होती है। महिलाओं के लिए, कुछ छूट मिल सकती है।

उत्तर प्रदेश में सर्कल रेट कैसे पता करें?

उत्तर प्रदेश में सर्कल रेट (Circle Rate) वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर सरकार द्वारा जमीन और संपत्ति के लेन-देन के लिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क निर्धारित किए जाते हैं। इसे पता करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन करें:

  • सबसे पहले आपको भारतीय स्टांप और रजिस्ट्री की आधिकारिक वेबसाइट - https://igrsup.gov.in/igrsup/ पर जाना होगा।
  • वेबसाइट के होम पेज पर आपको अलग-अलग विकल्प देखने को मिलेंगे, जिसमे से आपको “मूल्यांकन सूची” के विकल्प पर क्लिक करना है।
IGRSUP Portal
  • अब आपको अपना जिला और अन्य जानकारियों को ध्यान पूर्वक भरना है।
  • अब आपको एक कैप्चा भरकर सबमिट करना है।
मूल्यांकन सूची विवरण
  • इसके बाद एक पीडीएफ डाउनलोड हो जाएगा।
  • उस पीडीएफ में आपके पूरे इलाके को अलग-अलग सर्कल में बांटा गया होगा और हर सर्कल में आने वाले जमीन का रेट बताया गया होगा।
मूल्याङ्कन सूची
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हर राज्य के इलाके को कुछ सर्कल में विभाजित किया जाता है और अलग-अलग सर्कल में आने वाले जमीन का सरकारी रेट अलग-अलग होता है। जमीन का यह रेट राज्य अनुसार बदल सकता है, इस वजह से उन जमीनों पर लगने वाला रजिस्ट्री खर्च भी राज्य अनुसार बदल जाता है।

उत्तर प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री का खर्च संपत्ति के मूल्य, प्रकार, और स्थान पर निर्भर करता है। औसतन, स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क कुल खर्च का बड़ा हिस्सा होते हैं।

सटीक खर्च और प्रक्रिया की जानकारी के लिए स्थानीय रजिस्ट्री कार्यालय से संपर्क करें या IGRS UP की वेबसाइट का उपयोग करें। सभी दस्तावेज और शुल्क पहले से तैयार रखें ताकि प्रक्रिया सुगम और त्वरित हो।